Homeहमारी आवाज विशेष4 घंटे की मौहलत : कार्य पर वापस न आने पर ऐसे हजारों कर्मिकों...

4 घंटे की मौहलत : कार्य पर वापस न आने पर ऐसे हजारों कर्मिकों होगें बर्खास्त

प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि प्रदेश की शांति व्यवस्था को भंग करने एवं राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुचाने तथा आमजन को मुसीबत में डालने वाले विद्युत कर्मियों के खिलाफ ऊर्जा विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही की है। ऐसे कार्मिक मा0 हाईकोर्ट के आदेशों की अवेहलना करने तथा सरकार के निर्देशों को न मानने के दोषी है और जनविरोधी कार्यों में लिप्त पाये गये है।  हड़ताल करने वाले ऐसे 22 कर्मचारियों पर इसेंशियल सर्विसेज मेन्टिनेंस एक्ट (एस्मा) के तहत कार्यवाही की गयी है। जो अव्यवस्था कर रहे हैं उन पर भी एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गये। अभी तक 29 कार्मिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुयी है। 06 कर्मियों को सस्पेन्ड कर दिया गया है और उनको लखनऊ के बाहर भेजने के निर्देश दिये गये। उन्होने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों की नौकरी परमानेंट नहीं होती। हड़ताल में शामिल होने और कार्य न करने पर 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। 04 घंटे की मौहलत और दी गयी है। कार्य पर वापस न आने वाले ऐसे हजारों कर्मिकों को आज रात ही बर्खास्त किया जायेगा। किसी को नौकरी आसानी से नहीं मिलती है। इनके परिवार को भी इसकी चिन्ता करनी चाहिये। ऐसी खाली जगहों को भरने, विद्युत व्यवस्था की सुचारू बहाली एवं निर्वाध आपूर्ति के लिये शीघ्र ही आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग पास अभ्यर्थियों की शीघ्र भर्ती की तैयारी की जायेगी।

ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा आज शक्ति भवन में विद्युत कर्मियों की हड़ताल से उत्पन्न परिस्थितियों एवं अब तक की गयी कार्यवाही के संबंध में प्रेस वार्ता कर जानकारी दे रहे थे। उन्होने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये है कि बिजली आपूर्ति में बाधा डालने वाले तथा आराजकता पैदा करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। जन सामान्य को कोई परेशानी न हो इसलिये निर्वाध विद्युत आपूर्ति में कोई समझौता न किया जाये। उन्होने कहा कि विद्युत जैसी आवश्यक सेवा को बाधित करने पर बहाली के लिये मा0 हाईकोर्ट के आदेशों को भी 24 घंटे से अधिक का समय हो गया है। इसके बाबजूद भी हाईकोर्ट एवं सरकार के आदेश को न मानने वाले तथा कानून को हाथ में लेने वाले विद्युत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एवं अन्य हड़ताल करने वाले कार्मिकों को चिन्हित करने के लिये सभी मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये गये है। ऐसे कार्मिकों एवं उपद्रवियों के खिलाफ सख्त दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

  ए.के. शर्मा ने कहा कि विगत 05 दिनों से बिजली कर्मियों के कुछ संगठन के इशारे पर कर्मचारी हड़ताल एवं कार्य वहिष्कार कर रहे हैं। हड़ताल के बावजूद विद्युत व्यवस्था सामान्य है। अबतक आमजन के हितों में इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। हमने हड़ताली संगठनों एवं कार्मिकों के साथ बार-बार वार्ता की। लेकिन अपनी हटधर्मिता के कारण उन्होने हमारी बात अनसुनी कर दी और राष्ट्रहित एवं जनहित के मामलो में भी अपने कृत्यों से संवेदनहीनता दिखायी। विद्यार्थियों की पढ़ाई, जनता की परेशानी, मार्च में राजस्व की वसूली, रिवैम्प योजना की कार्यों में अवरोध की उन्होने बिल्कुल चिंता नहीं की। उन्होने कहा कि सरकार उनके परिवार के हितों की दृष्टिगत अभी भी बातचीत करने को तैयार है। ऐसे लोग कार्यवहिष्कार छोड़कर सरकार का सहयोग करेंगे तो सरकार भी उनके प्रति संवेदनशीलता दिखायेंगी। कुछ संगठन हमारा सहयोग कर रहे है, व निष्ठा से कार्य कर रहे। एनटीपीसी, केसको, टाटा व बजाज समेत कुछ निजी संस्थान विद्युत उत्पादन इकाईयों को चलाने में हमारी मदद कर रहे हैं। इस परिस्थिति में जनता ने भी हमारा साथ देकर अपने धैर्य का परिचय दिया है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश की विद्युत उत्पादन क्षमता वर्तमान में 28000 मेगावाट है डिमांड अभी इसकी आधी ही चल रही है। पावर आपूर्ति एवं मांग में कोई समस्या नहीं है कुछ जिलों में आंधी, तूफान एवं बारिश से विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुयी है जिसे ठीक किया जा रहा है। हड़तालियों एवं असामाजिक तत्वो द्वारा कुछ जगह विद्युत आपूर्ति एवं लाइन डिस्टर्ब करने की कोशिश की गई है। कुछ जगहों पर विद्युत संयंत्रो, लाइनों, फीडरों, सबस्टेशन, हाइटेंशन लाइन को क्षतिग्रस्त किया गया है। इसमें देवरिया के हेतिनपुर जंगल तथा आजमगढ़ के लाल घाट के क्षेत्र में ऐसी घटनायें हुयी है। इस प्रकार की सभी घटनाओं का संज्ञान लिया जा रहा है। ऐसे उपद्रवी चाहे आकाश, पाताल, नदी, तालाब, झील, समुद्र, जंगल में कही चले जाये उन्हे चिन्हित कर दण्डित किया जायेगा। कही से भी विद्युत व्यवधान की जैसे ही जानकारी मिली कोशिश करके इसको ठीक कराया गया। विद्युत कर्मियों के हड़ताल का आमजन के जीवन में कोई विशेष प्रभाव नही पड़ा है। विद्युत सम्पत्ति को क्षतिग्रस्त करना राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसा है। कोई जनता की सम्पत्ति को नुकसान नहीं पहुचा सकता। पावर कारपोरेशन 01 लाख करोड़ रूपये के घाटे में है, करीब 80 हजार करोड़ रूपये का लोन भी है। फिर भी हम विद्युत कर्मचारियो के हित में व्यापक फैसले ले रहे है। उनकी मांगों को भी पूरा करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन विद्युत कर्मियों के अव्यवाहारिक, बेबुनियाद एवं राष्ट्र व जन विरोधी हड़ताल को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जायेगा। उन्होने हड़ताल को पूरी तरह से निष्फल, निष्प्रभावी एवं असफल बताया।

सम्पर्क सूत्र: सी.एल. सिंह

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments