नुजहत जहां
सीतामढ़ी

औरत ने जन्म दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाज़ार दिया ,जब जी चाहा कुचला , जब जी चाहा दुत्कार दिया,,हम बात कर रहे हैं महिलाओं कि जिसे हर समाज में संघर्ष करना पड़ता है।,,जिसको घर से लेकर बाहर तक अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है। महिलाओं के साथ इतना अत्याचार होता है कि मेरे पास शब्द ही नहीं है लिखने को। संक्षेप में कहूं तो कष्ट , पीड़ा, दुख झेलना सब औरतों के हिस्से में है! अगर आँकड़ो की बात करें तो यह हमारे देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं। महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए अनेक कानून और योजनाएं हमारे देश में बनाई गई हैं लेकिन विचारणीय प्रश्न यह है कि हमारे देश की महिलाओं की स्थिति में कितना मूलभूत सुधार हुआ है! चाहे शहरों की बात करें चाहे गांव की सच्चाई यह है कि महिलाओं की स्थिति आज भी आशा के अनुरूप नहीं है। चाहे सामाजिक जीवन की बात हो, चाहे पारिवारिक परिस्थितियों की, महिलाओं का संघर्ष तो माँ की कोख से ही शुरु हो जाता है। मैं अपने लेख में मणिपुर के कुकी और मैतई समुदाय के बीच जारी हिंसक झड़प के बीच मानवता को शर्मसार करने वाला वो वीडियो जिसके मुद्दों पर मैं लिख रही हूं ,जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्मादी भीड़ चल रही है। उनके नंगे शरीर को गिद्धों की तरह नोचती भीड़ का यह वीडियो जिसने भी देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए! इस वीडियो को देखने के बाद मैं निस्तब्ध रह गई, कुछ पल के लिए लगा के इस देश में महिलाओं की इज्जत कौड़ी के भाव में है।
महिलाओं को जैसे चाहो नोंचो ,नंगा घुमाओ उसके साथ बलात्कार करो कुछ भी करो इससे देश के सरकार को या पुलिस प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस देश में औरतों को सम्मान देने की बात सिर्फ और सिर्फ कागज पर ही है, हमें आधी आबादी कहा गया है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है! यह निर्वस्त्र महिलाओं का वीडियो मन को विचलित करता है ! यह घटना पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़ा करती है कैसे इन दोनों महिलाओं को भीड़ ने पुलिस के कब्जे से छीन कर इस घटना को अंजाम देती है! अब तो पुलिस प्रशासन से भी विश्वास उठ गया है। इस देश में और महिलाएं सुरक्षित नहीं है !मुझे शर्म आती है देश की महिला मंत्रि स्मृति ईरानी पर जो राजनीतिक कुर्सियों पर विराजमान है, लेकिन जब महिलाओं के साथ ऐसा जघन्य घटना घटती है तो दो शब्द भी मुंह से नहीं निकलते। सिर्फ दो महिला निर्वस्त्र नहीं हुई है बल्कि भारत की तमाम महिलाएं निर्वस्त्र हुई है। महिला मंत्री स्मृति ईरानी का अब तक कोई बयान नहीं आया ये बहुत बड़ा सवाल है। क्या यह औरत नहीं है, क्या इस वीडियो को देखने के बाद उनका दिल नहीं दहला, उनको लज्जा नहीं आई
वो कुछ नहीं बोलेंगी क्योंकि मणिपुर में उनके पार्टी की सरकार मुख्यमंत्री एन वीरेंद्र सिंह है। मणिपुर के मुख्यमंत्री का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने यह बोला कि ऐसी घटना को अंजाम देने वालों को मौत की सजा सुनाई जाएगी! मैं पूछना चाहती हूं मणिपुर के मुख्यमंत्री जी से मणिपुर के पुलिस प्रशासन से यह घटना 4 मई को घटी 18 मई को मणिपुर के थौबल ज़िले में सैकड़ों हथियारबंद लोगों पर एफ.आई.आर हुआ लेकिन कार्रवाई नहीं हुई उनको चिन्हित कर गिरफ्तार नहीं किया गया क्यों? क्या आपको इंतजार था अढ़ाई महीने बीत जाने के बाद यह वीडियो वायरल होने का। माना कि इंटरनेट बंद होने की वजह से भारत की जनता बेख़बर थी लेकिन प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मणिपुर के मुख्यमंत्री मणिपुर की पुलिस प्रशासन इन सब को पल-पल की ख़बर थी आज यह लोग अनजान बन रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं। आज प्रधानमंत्री जी घड़ियाली आंसू रो रहे हैं। एक प्रधानमंत्री का स्लोगन है बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ यह ढोंग बंद कर दीजिए प्रधानमंत्री जी। प्रधानमंत्री जी सिर्फ 30 सेकंड के लिए मणिपुर पर चुप्पी तोड़े। उस बयान में भी राजनीति झलक रही थी उन्होंने कहा कि घटना चाहे राजस्थान की हो या घटना छत्तीसगढ़ की हो। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। शर्म कीजिए प्रधानमंत्री जी आपको मणिपुर के मुद्दों पर बोलना था ना की विपक्षी दलो पर, लेकिन आपने मणिपुर के शर्मसार घटना पर भी राजनीति करने लगे। मैं सभी दल के राजनेताओं से कहना चाहती हूं कि इस घटना को राजनीति से ऊपर उठकर देखें क्योंकि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। इस देश में हर रोज महिलाओं का बलात्कार किया जा रहा है, और बलात्कारी बेख़ौफ घूम रहे हैं। भाजपा के लोग कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि बिलकिस बानो के बलात्कारियों को जेल से रिहा करके उनका स्वागत किया जाता है। पीड़िता बिल्किस बानों को अब तक इंसाफ नहीं मिला। अगर जल्द से जल्द मणिपुर के अपराधियों को सजा नहीं दी गई तो ऐसे अपराध हर राज्य में होते रहेंगे। इससे अपराधियों का और मनोबल बढ़ेगा। वे सारे लोग अपराधी हैं जो उस वीडियो में भीड़ का हिस्सा थे। हर पीढ़ी में सिर्फ औरतों की इज्जत से खेला गया है, महिलाओं के इज्जत से खेल कर, ऐसे छोटी मानसिकता वाले मर्द समझते हैं कि हमने सब कुछ जीत लिया यह मत भूलो कि मर्द को जन्म देने वाली एक औरत ही है।

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