नई दिल्ली: मुश्किलों में घिरे गौतम अडानी को एक और तगड़ा झटका लगा है। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पावर ने डीबी पावर (DB Power) को खरीदने के लिए एक बड़ी डील की थी और इसे सीसीआई से मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन अडानी पावर ने स्टॉक एक्सचेंजेंज को बताया कि इस डील को कंप्लीट करने की डेट एक्सपायर हो गई है। इस डेट को चार बार बढ़ाया गया था और फाइनल क्लोजिंग डेट 15 फरवरी को एक्सपायर हो गई है। इस डील के पूरा होने से पावर सेक्टर में अडानी ग्रुप की ताकत मजबूत होती। जब 2022 में डीबी पावर डील की घोषणा की गई थी तो यह इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में अडानी ग्रुप की दूसरी सबसे बड़ी मर्जर एंड एक्विजिशन डील थी। लेकिन के झटकों से जूझ रहा अडानी ग्रुप इस डील को पूरा करने में नाकाम रहा।
- 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के लिए यह दूसरा झटका है। इससे पहले ग्रुप को अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ वापस लेना पड़ा था। इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अडानी ग्रुप ने कई साल तक शेयरों में हेराफेरी की। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है लेकिन ग्रुप के शेयरों में हाल के दिनों में भारी गिरावट आई है। उसका मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से कम रह गया है। इसे देखते हुए ग्रुप ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए अडानी ग्रुप अब आक्रामक तरीके से अपना विस्तार करने के बजाय फाइनेंशियल कंडीशन को दुरुस्त करने पर जोर लगा रहा है। ग्रुप अपना कर्ज कम कर रहा है, गिरवी रखे शेयरों को छुड़ा रहा है और कैश बढ़ा रहा है।