“मेरे परिवार को पैसा नहीं चाहिए। वे केवल यही चाहते हैं कि मैं गांव वापस लौट जाऊं।” बिहार का एक प्रवासी मजदूर इमरान अली 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद डर के मारे गुरुग्राम से चला गया। अली (25) हिंसा के दो हफ्ते बाद अपना सामान लेने के लिए गुरुग्राम लौटा था।
अली ने आईएएनएस को बताया, “मेरे परिवार ने मुझे कहा कि मैं गुरुग्राम में काम न करूं और तुरंत लौट आऊं। काफी समझाने के बाद भी वे नहीं माने और मुझसे तुरंत वापस लौटने को कहा।”
31 जुलाई को नूंह में धार्मिक दंगे भड़क उठे जिसमें छह लोग मारे गए जबकि 88 गंभीर रूप से घायल हो गए। नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित एक धार्मिक जुलूस के दौरान पथराव के बाद धार्मिक दंगे भड़क उठे थे। Source: Soical media