विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद पर निशाना साधा और इसे क्षेत्र के सामने एक बड़े खतरे के रूप में करार दिया। विदेश मंत्रालय ने बैठक में कहा कि ‘आतंकवाद विरोधी उपाय समय की जरूरत है।’ हालांकि उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन साफ इशारा जरूर कर दिया और ऐसे देशों की मदद करने वालों का जिक्र करके चीन को भी नसीहत दे दी।
अब सभी नेता बंद कमरे में मीटिंग कर रहे हैं। मीटिंग के बाद बयान जारी किया जाएगा कि कितने सूत्रीय मुद्दों पर सभी के बीच चर्चा हुई। चीन के विदेश मंत्री यहां से सीधा पाकिस्तान जाएगा। बिलावल भुट्टो उनके साथ ही यात्रा करेंगे।