यूपी के पुराने महापौरों का कार्यकाल बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

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नई दिल्ली, 27 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पुराने मेयर को पद पर बनाये रखने की ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर्स की मांग पर सुनवाई करते हुए पुराने आदेश में बदलाव करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि लंबित केस में आवेदन दें।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर्स से कहा कि आप की मांग के मुताबिक किसी दूसरी याचिका पर अपने 4 जनवरी के आदेश में दखल नहीं देंगे। दरअसल, 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण कमेटी की रिपोर्ट तक चुनाव पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जहां चुनाव लंबित हैं वहां तीन सदस्यीय कमेटी काम संभालेगी। मेयर काउंसिल की तरफ से यह मांग की गई कि जब तक निकाय चुनाव नहीं हो जाते और यूपी में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक मौजूदा मेयर के कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए।

यूपी सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में आयोग की रिपोर्ट आने के बाद चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि आरक्षण के मामले को लेकर आयोग का गठन कर दिया गया है। ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव, आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कराई जाए।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का आदेश देते हुए कहा था कि ओबीसी कैटेगरी की सीट को सामान्य सीट के आधार पर मानते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं। यूपी सरकार के अलावा समाजवादी पार्टी ने भीओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की मांग की है।

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