पिछले सोमवार को लंदन में संसद भवन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारतीय संसद में विपक्षी नेताओं के माइक्रोफोन को बंद करने के बयान पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई है। उपराष्ट्रपति ने राहुल का नाम लिए बगैर कहा कि विदेश से यह कहना कि संसद में माइक्रोफोन बंद हैं, झूठ फैलाने के समान है। यह देश का अपमान है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ गुरुवार को नई दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह के मुंडक उपनिषद पर आधारित पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने लोगों से ऐसी ताकतों का पर्दाफाश करने और उन्हें नाकाम करने की अपील की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे कार्यात्मक लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि यह अजीब है, कितना दुख की बात है कि दुनिया हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियों और जीवंत लोकतंत्र को स्वीकार कर रही है। साथ ही हममें से कुछ सांसद ऐसे भी हैं जो समृद्ध लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने में लगे हुए हैं। कोई भी राजनीतिक दल लोकतांत्रिक मूल्यों से समझौता करने को सही नहीं ठहरा सकता।
उन्होंने कहा कि अगर मैं भारत के बाहर किसी सांसद के इस दुस्साहस पर चुप रहा तो गलत उदाहरण पेश करूंगा. मैं संसद में माइक बंद करने के बयान को कैसे सही ठहरा सकता हूं?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए गर्व की बात है. साथ ही कुछ लोग जो देश से बाहर हैं वे भारतीय संसद और उसकी घटक इकाइयों की छवि खराब करने में लगे हुए हैं। यह बहुत ही गंभीर और अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा कि हमारे राजनीतिक इतिहास में एक काला अध्याय है जब आपातकाल लगाया गया था। अब जबकि भारतीय राजनीतिक व्यवस्था परिपक्व हो गई है, यह (आपातकाल) कभी भी दोहराया नहीं जा सकता है।
बता दें कि ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद भारतीय मूल के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने संसद के ग्रैंड कमेटी रूम में राहुल गांधी के लिए एक समारोह आयोजित किया था. कार्यक्रम में राहुल जिस माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर रहे थे, वह खराब था। राहुल जानबूझकर इस माइक में बोलने लगे। उन्होंने कहा कि भारत में हमारे माइक खराब नहीं हैं, वे काम कर रहे हैं, लेकिन आप उन्हें चालू नहीं कर सकते. मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है जब मैंने भारतीय संसद में बोलने की कोशिश की है। राहुल ने कहा कि भारत में विपक्ष को दबाया जा रहा है.