पाकिस्तान में अमेरिका के इशारे पर इमरान खान की सरकार गिराए जाने को लेकर बेहद अहम सबूत सामने आए हैं. एक लीक दस्तावेज से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के पीएम को हटाने में अमेरिका का हाथ था.
आपको बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान लगातार अमेरिका पर तख्तापलट का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि, अमेरिका ने इस बात से साफ इनकार किया है. लेकिन अब पता चला है कि पाकिस्तान को रूस-यूक्रेन युद्ध में इमरान खान का रुख पसंद नहीं आया जिसके कारण उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.
दस्तावेज़ द इंटरसेप्ट को पाकिस्तानी सेना के एक अनाम स्रोत द्वारा प्रदान किया गया था, जिसने कहा था कि इसका इमरान खान या खान की पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। गुप्त दस्तावेज से पता चला कि 7 मार्च 2022 को अमेरिका ने पाकिस्तानी राजदूत को तलब किया था. इस बीच पाकिस्तानी राजदूत और अमेरिकी विदेश विभाग के दो अधिकारियों के बीच बातचीत हुई.
बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ रहने को लेकर इमरान खान सरकार की आलोचना की गई. इंटरसेप्ट ने लिखा कि बैठक के एक महीने बाद ही पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिसके बाद उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.
माना जा रहा है कि यह मतदान पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के समर्थन से आयोजित किया गया था। सैन्य दबाव के चलते कई पाकिस्तानी सांसदों ने इमरान खान के खिलाफ वोट किया और उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि तब से इमरान खान और उनके समर्थक पाकिस्तानी सेना और मौजूदा सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने रूस-यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान के रुख पर पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत असद मजीद खान से नाराजगी जताई थी.
लू ने कहा कि इससे अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर असर पड़ सकता है। लू इमरान खान के रूस दौरे से भी नाराज थे. इस बैठक में अमेरिका ने पाकिस्तान से वादा किया कि अगर इमरान खान को सत्ता से हटाया गया तो अमेरिका पाकिस्तान के साथ मधुर संबंध बनाए रखेगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह उसे अलग-थलग कर देगा.