उत्तर प्रदेश के आगरा में एसिड अटैक के कई मामलों में महिलाओं को मदद मिली है. एसिड अटैक पीड़िताओं की शिकायत मिलने के बाद पुलिस कमिश्नर ने यह कार्रवाई की है. एक महिला पर 1997 में तेजाब से हमला किया गया था , दूसरी महिला पर 2002 में और तीसरी महिला पर 2013 में हमला किया गया था ।
वर्ष 1997 में मोहल्ला गुम्मट में रहने वाली पीड़िता पर तेजाब से हमला किया गया था। इस हमले से पीड़िता का चेहरा झुलस गया था। पीड़िता ने थाने में तहरीर दी लेकिन मामले की सुनवाई नहीं हुई। पीड़िता ने न्याय की आस छोड़ दी थी। सालों बाद पीड़िता पुलिस कमिश्नर से मिली। कमिश्नर ने पीड़िता की शिकायत सुनने के बाद ताजगंज थाने को शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया. पीड़िता की तहरीर पर ताजगंज पुलिस ने 26 साल बाद दर्ज किया एसिड अटैक का केस पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस मामले में भी पुलिस आरोपियों की पहचान कर उनका पता लगाने का प्रयास कर रही है।
एत्माद्दोला में रहने वाली एक युवती वर्ष 2002 में अपनी बहन के ससुराल गई थी। बहन के भाई ने सात दिसंबर 2002 को उस पर तेजाब फेंक दिया था जिससे उसका चेहरा और शरीर झुलस गया था. पीड़िता केवल 14 साल की थी जब एसिड अटैक हुआ था। न्याय की आस में पीड़िता 21 साल तक थाने में गुहार लगाती रही, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पुलिस आयुक्त के आदेश के बाद 21 साल बाद एत्माद्दोला थाने में आरोपी के खिलाफ एसिड अटैक का मामला दर्ज किया गया था.
तीसरा मामला हरि पर्वत थाने का है। वर्ष 2013 में पीड़िता पर तेजाब से हमला किया गया था। उस समय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई भी हुई लेकिन पीड़िता लंबे समय से दोबारा मेडिकल कराने की मांग कर रही थी। पीड़िता की मांग पर विचार करते हुए आगरा पुलिस आयुक्त ने पीड़िता का दोबारा मेडिकल कराने के लिए जिला अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा है. पुलिस कमिश्नर की कार्रवाई से एसिड अटैक पीड़िताओं ने राहत की सांस ली है। सभी ने पुलिस कमिश्नर का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा कि अब उन्हें न्याय की उम्मीद है।