उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो काफी हैरान करने वाली है। दरअसल, यहां दो मुस्लिम लड़कियों ने अपने प्यार के खातिर हिंदू धर्म अपना लिया और वो इरमा जैदी से ‘स्वाती’ और शहनाज से ‘सुमन’ बन गई। धर्म परिवर्तन के बाद दोनों लड़कियों ने मंदिर में हिंदू युवकों के साथ सात फेरे भी ले लिए। शादी को आर्य समाज मंदिर में रजिस्टर्ड भी करा दिया। हिंदू धर्म अपनाने वाली दोनों युवती का कहना है कि मुस्लिम समाज में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता।
यह पूरा मामला बरेली जिले के सुभाषनगर थाना क्षेत्र के मढ़ीनाथ का है। इरमा जैदी से ‘स्वाती’ और शहनाज से ‘सुमन’ बनी दोनों लड़कियों की शादी मढ़ीनाथ स्थित अगस्त मुनि आश्रम में हुई। दोनों लड़कियों का विवाह पंडित केके शंखधार ने कराया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंडित केके शंखधार ने सबसे पहले दोनों मुस्लिम लड़कियों का शुद्धिकरण किया गया। फिर दोनों युवतियां का धर्म परिवर्तन करवाकर नाम बदला गया। इसके बाद दोनों लड़कियों का हिंदू लड़कों से विधि विधान के साथ विवाह संपन्न कराया गया। इस दौरान दोनों लड़कियों ने सात फेरे लिए, लड़कों ने मांग में सिंदूर भरा, मंगल सूत्र पहनाया।
मुस्लिम से हिंदू बनी इरम जैदी उर्फ स्वाति की उम्र महज 19 साल है और वो बरेली जिले के बहेड़ी की रहने वाली है। मुस्लिम से हिंदू बनने वाली वाली स्वाति का कहना है कि मैं इस समय बालिग हूं और कागजी रिकार्ड में मेरा जन्म एक जनवरी 2004 को हुआ। मुझे अपनी मर्जी से अपना वर चुनने का अधिकार है। ये धर्म मैने भविष्य को देखते हुए अपनाया है। अब मैं हमेशा हिंदू धर्म में रहूंगी। वहीं, गलपुर की रहने वाली शहनाज की जन्मतिथि 10 जुलाई 2004 है। शहनाज ने बताया कि मैं बालिग हूं और मैं दसवीं की पढ़ाई कर चुकी हूं। शहनाज हिंदू धर्म परिवर्तन कर सुमन बन गई।
इरम जैदी उर्फ स्वाति की मानें तो वो अपने ही कस्बे के रहने वाले आदेश कुमार से प्यार करती है। इरम जैदी की मानें तो उन्होंने अपने प्यार की खातिर यह फैसला लिया है। आदेश ही मेरा दोस्त है, जो अब मंगेतर से मेरा पति बन गया। हम दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसम खाई हैं, जिसके चलते मैं मैंने हिंदू रीति रिवाज के साथ मंदिर में शादी की है। वहीं, शहनाज उर्फ सुमन ने बताया कि मैं अजय से प्यार करती हूं। मैं अपने प्यार और भविष्य के लिए धर्म परिवर्तन कर हिंदू युवक अजय से शादी कर रही हूं। शहनाज उर्फ सुमन ने बताया कि मैं बालिग हूं, और अपनी मर्जी से मुझे अपना वर यानी पति चुनने का अधिकार है। मुस्लिम धर्म में महिलाओं को नहीं मिलता सम्मान इरम जैदी उर्फ स्वाती और शहनाज उर्फ सुमन ने बताया कि उनकी हिंदू धर्म में आस्था है। मुस्लिम समाज में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता। वहां जब चाहते है, 3 बार तलाक बोल देते है और फिर हलाला करते है। दोनों युवतियों ने कहा कि अपनी मर्जी से बिना किसी दबाव के हिंदू धर्म अपनाया है और अपने मनपसंद के लड़के से शादी की है। वह अब पूरी जिंदगी उसी के साथ काटना चाहती हैं। वहीं बहेड़ी की इरम जैदी का कहना है कि वह भी हिंदू धर्म में ही विश्वास करती है। News source:hindi.oneindia ,with thanks