लखनऊ, 17 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख रूप से छह गतिविधियों में कुटुम्ब प्रबोधन पर ज्यादा फोकस कर रहा है। संघ जिस सम्पूर्ण हिन्दू समाज को संगठित कर राष्ट्र को परम वैभव पर पहुंचाने के उद्देश्य से कार्य करता है, वह सपना कुटुम्ब प्रबोधन के बिना पूरा नहीं होगा। क्योंकि राष्ट्र की पहली इकाई परिवार होती है। इसलिए संगठन के कार्यकर्ता इन दिनों कुटुम्ब प्रबोधन पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही लखनऊ में परिवार मिलन कार्यक्रम में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले शामिल हुए थे।
कुटुम्ब प्रबोधन का उद्देश्य
परिवार प्रबोधन का अर्थ है परिवार को जगाना। परिवार मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने की व्यवस्था है। परिवार मानव को महामानव की ऊंचाई तक विकसित करने का एक समर्थ संस्कार का केन्द्र है। हर घर की एक रीति नीति परम्परा रहती है। घर समृद्धि एवं संस्कृति का एक सुन्दर संगम होना चाहिए। यही हिन्दू घर की पहचान है।
परिवार से अपेक्षाएं
-परिवार में धार्मिक साहित्य का नियमित पठन पाठन हो।
-परिवार में स्वदेशी व स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करें।
-सप्ताह में एक दिन परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर चर्चा करें।
-मोबाइल व टीवी का विवेकपूर्ण उपयोग करना।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुटुम्ब प्रबोधन के क्षेत्र के प्रमुख अशोक उपाध्याय ने बताया कि स्वस्थ कुटुम्ब ही स्वस्थ भारत की आधारशिला है। इसीलिए कुटुम्ब प्रबोधन की गतिविधि प्रारम्भ की गयी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जैसे समृद्धि बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे संस्कृति घटती जा रही है। इस संतुलन को बनाए रखना आज की नितांत आवश्यकता है।