सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इतिहास की किताबों से ताजमहल के निर्माण से संबंधित गलत ऐतिहासिक तथ्यों को हटाने और स्मारक की उम्र का पता लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिका की सुनवाई जस्टिस एम आर शाह और सी टी रविकुमार की पीठ ने की। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि जनहित याचिकाएं मछली पकड़ने की जांच के लिए नहीं हैं। हम यहां इतिहास को फिर से खोलने के लिए नहीं हैं। इतिहास को इतिहास ही रहने दें। इस दौरान पीठ ने कहा कि ऐसे में रिट याचिका वापस ली गई मानकर खारिज की जाती है। सुरजीत की तरफ से लगाई गई थी याचिका इसके अलावा सुनवाई के दौरान जस्टिस एम आर शाह और सी टी रविकुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से संपर्क करने के लिए कहा। शीर्ष अदालत में यह याचिका सुरजीत सिंह यादव की तरफ से दायर की गई थी। याचिका के जरिए केंद्र को ताजमहल के निर्माण से संबंधित कथित गलत ऐतिहासिक तथ्यों को इतिहास की किताबों और पाठ्यपुस्तकों से हटाने के निर्देश की मांग की गई थी।