कलकत्ता: देश की अदालतों में लंबित मामलों का फैसला आने में सालों लग जाते हैं. बहरहाल, पश्चिम बंगाल का एक मामला इस वक्त चर्चा में है, जिसका नतीजा आने में 72 साल लग गए। भारत के सबसे पुराने मामले को आखिरकार कलकत्ता उच्च न्यायालय की सबसे पुरानी बेंच ने सुलझा लिया है। मामला बेरहामपुर बैंक लिमिटेड की परिसमापन प्रक्रिया से संबंधित था। गौरतलब है कि बेरहामपुर बैंक मामला वर्तमान मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के जन्म से एक दशक पहले दायर किया गया था।

क्या है बेरहामपुर बैंक का मामला?

बेरहामपुर बैंक को बंद करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका 1 जनवरी 1951 को दायर की गई थी और उसी दिन ‘मुकदमा संख्या 71/1951’ के रूप में दर्ज की गई थी। कर्जदारों से पैसा वसूलने के लिए बेरहामपुर बैंक पर कई मुकदमे हुए। इनमें से कई कर्जदारों ने बैंक के दावे को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

बंगाल में मालदा के सिविल कोर्ट में दो दीवानी मामले लंबित हैं

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, देश के शेष तीन सबसे पुराने मामलों में से दो दीवानी मामले बंगाल के मालदा में सिविल कोर्ट में लंबित हैं और एक मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित है। लंबे समय से चल रहे इन मामलों के निस्तारण के लिए मालदा की अदालतों ने इस साल मार्च और नवंबर में सुनवाई की तारीख तय की है। नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड ने बेरहामपुर मामले का उल्लेख किया है, जो 9 जनवरी तक किसी भी भारतीय अदालत में सुना गया सबसे पुराना मामला है।

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