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हिन्दू और मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने वालों को सफलता नहीं मिलेगी : इंद्रेश कुमार

वाराणसी, 19 जनवरी (हि.स.)। आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 126 वें जन्मदिवस पर गुरूवार को 06 दिवसीय सुभाष महोत्सव का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने किया। विशाल भारत संस्थान की ओर से सुभाष भवन, इन्द्रेश नगर, लमही में आयोजित महोत्सव में उन्होंने कहा कि हिन्दू–मुस्लिम संवाद केन्द्र के जरिये प्रतिमाह संघर्ष के विषयों को बातचीत के जरिये हल करने का सूत्र खोजा जायेगा।

इन्द्रेश कुमार ने कहा कि लगातार बातचीत होने से हिन्दू और मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने वालों को सफलता नहीं मिलेगी। नफरती बयान देने वालों को नकारने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और आपसी भाईचारा बढ़ेगा। महोत्सव में हिन्दू–मुस्लिम संवाद केन्द्र का उद्घाटन कर इंद्रेश कुमार ने कहा कि काशी से हिन्दू मुस्लिम संवाद के जरिये संघर्ष और नफरत के बजाय हिन्दू मुसलमानों के बीच बातचीत का रास्ता खुलेगा। बहुत सारे मसले का हल निकलेगा।

उन्होंने कहा कि प्राणायाम से किसी का मजहब खतरे में नहीं आता। दिल को सुकून मिलता है। हम पूर्वजों से एक हैं, वतन से एक हैं तभी तो हमारा डीएनए मिलता है। डी का मतलब ड्रीम से है, कोई भी भारतीय अपने ही मातृभाषा में सपने देखता है। वह दूसरे भाषा में सपने नहीं देख सकता। एन से मतलब नेशन है। सब वतन से एक हैं और ए से मतलब एन्सेस्टर अर्थात पूर्वज। हम सभी पूर्वजों से एक हैं तो फिर हमें अलग करने वाले कौन है ?

महोत्सव में प्रथम दिन आओ जड़ों से जुड़ें अभियान के तहत जलसा-ए-उलमाए इस्लाम में जुटे मुस्लिम धर्मगुरूओं ने भी भागीदारी की। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर धर्मगुरूओं ने फूल चढ़ाए,इन्द्रेश कुमार के साथ दीपोज्वलन भी किया। विषय प्रवर्तन करते हुए मुस्लिम धर्मगुरू हाफिज जावेद खान ने कहा कि आज पूरे हिन्दुस्तान और दुनियां में दहशतगर्दी और आतंकवाद बड़ी मुसीबत है । जिसकी हम मौलाना मिलकर मुखालफत करने के लिये इकठ्ठे हुए हैं । हम मिलकर उन्हें मिल्लत के रास्ते पर आने के लिये मजबूर कर देंगे। हमारे हिन्दुस्तान में बहुत मजहब मानने वाले मिल्लत के साथ रहते हैं।

मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी ने कहा कि इस्लाम हमें और आपको इंसानियत सिखाता है। हमने अपने खून से इस देश की हिफाजत की है। हम इंसानियत और अपने मुल्क के दुश्मन नहीं हैं। जब तक जिन्दगी है हम मुल्क के लिये जीयेंगे और मरेंगे और जरूरत पड़ने पर अपनी कुर्बानी भी देंगे।

महोत्सव में मौलाना तहरीर चतुर्वेदी, मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी ,मौलाना मकसूद अहमद कादरी आदि ने भी विचार रखा। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० राजीव ने कहा कि ‘सुभाष भवन एकमात्र ऐसा घर है जिसमें बिना किसी भेदभाव के हिन्दू मुस्लिम एक साथ परिवार की तरह रहते आ रहे हैं। हिन्दू मुसलमानों के बीच हो रहे संघर्ष को रोकने के लिये सुभाष भवन का मॉडल बेहतर उदाहरण है। महोत्सव का संचालन मो० अजहरूद्दीन और धन्यवाद ज्ञापन हाफिज जावेद खान ने दिया।

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