वृंदावन के बाबा नीम करौली धाम के महंत प्रेमानंद गोविंद शरण महराज ने कहा कि संत-स्थान का चमत्कार कुछ नहीं होता है। चमत्कार दिखाना, भाग्य बताता सब ड्रामा है। कभी-कभी आपके पुण्य से उनका तुक्का लग जाता है।
By Chaitanyadas Soni
बागेश्वरधाम (Bageshwardham) के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार और नागपुर में मिली चुनौती के बाद विवाद गहराता जा रहा है। संत-महंत और सन्यासी, धर्मगुरू यहां तक की शंकराचार्य भी इस विवाद कूदते जा रहे हैं। अब वृंदावन स्थित बाबा नीम करौलीधाम के महंत प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज ने बागेश्वरधाम का नाम लिए बगैर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि चमत्कार दिखाना, भाग्य बताना केवल ड्रामा है। भविष्य बताता एक तुक्का है। कभी-कभी आपके पुण्य से लाभ हो जाता है, भाग्य बताने वाले का तुक्का लग जाता है। इस आशय का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर में चुनौती दिए जाने के बाद से लगातार बवाल मचा हुआ है। जहां कई लोग उनके समर्थन में आए हैं, तो कुछ लोग इस पर अपनी राय दे रहे हैं। इस विवाद में अब वृंदावन के प्रसिद्ध नीम करौली धाम के बाबा प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें वे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम लिए बिना लिए उनके चमत्कार को ड्रामा बता रहे हैं।
चमत्कार—भविष्य बताना एक तुक्का है, ड्रामा है चमत्कार और भविष्य को बता पाना एक तुक्का है वायरल वीडियो में बाबा प्रेमानंद महाराज ने भाग्य देखने और भविष्य देखने और उसके बारे में बड़ी बात कही है। बाबा ने कहा कि किसी के भविष्य को बता पाना एक तुक्का है। ऐसा कोई चमत्कार नहीं केवल ड्रामा होता है। दरअसल इन दिनों बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपनी चमत्कारी शक्तियों की वजह से देश-दुनिया में सुर्खियां बने हुए हैं। उनके दिव्य दरबार और भविष्य व अनजान व्यक्तियों के बारे में पर्चा लिखकर भूत-भविष्य-वर्तमान बताए जाने को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं।उनके समर्थन और विरोध में भी कई लोग हैं। धीरेन्द्र शास्त्री के मुद्दे पर संत-समाज भी बंटा हुआ नजर आ रहा है।
नीम करौली धाम बाबा आनंद शरण ने क्या कहा विस्तार से पढ़िए वृंदावन के नीम करौली धाम के महंत व प्रमुख बाबा प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वे बता रहे हैं कि ये तो सब लोग भ्रम छोड़ दो कि हम बाबा के दर्शन करने जा रहे हैं तो हमारा काम हो जाएगा। अगर उन कामों को करने बाबागिरी होती तो हम भी वो काम करते। जो भाग्य बताने के लिए चौराहे पर कागज लगाए बैठे रहते हैं, वे खुद अपना भाग्य देख पाते हैं क्या? ऐसा होता तो वे खुद अरबपति न बन जाते, चौराहे पर दो-दो, पांच-पांच, दस-दस रुपए क्यों लेते। उससे पूछो कि क्या तुमने देखा है कि अपना भाग्य। उन्होंने आगे का कि संत समागम, भगवत नाम, जप, असलियत में भगवान तक पहुंचने के लिए है। जहां कहीं ऐसा हो कि जाओ कृपा है, तुम्हारा काम हो जाएगा.. ऐसा नहीं होता। हां कभी-कभी तुम्हारा भाग्य जाग जाता है, इसमें बाबा का चमत्कार कुछ नहीं, तुक्का किसी का भी लग जाता है। यह ड्रामा है, नाटक है, माया है। संतों की कृपा जानते हो! संत बन जाओगे। संत का चमत्कार या स्थान का चमत्कार ये सब नहीं होता है, ये सब ड्रामा है। इन बातों के लिए मेरे पास मत आना। Thanks with oneindiahindi