बदायूं। सोमवार को जामा मस्जिद की सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा के वकीलों ने दावा किया कि जामा मस्जिद में मंदिर के कई अवशेष मौजूद हैं। उन्होंने सुनवाई से पहले जामा मस्जिद का सर्वे कराने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए एक फरवरी की तारीख तय की है।
शहर के जामा मस्जिद के मुकदमे में सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हिंदू महासभा, इंतजामिया कमेटी और बौद्ध महासभा के वकील मौजूद रहे। हिंदू महासभा के वकील वेदप्रकाश साहू, विवेक रैंदर और अर्पित श्रीवास्तव ने न्यायालय में जामा मस्जिद की संपूर्ण स्थिति जानने के लिए सर्वे कराने का प्रार्थना पत्र दिया। वकील वेदप्रकाश साहू ने बताया कि यह मुकदमा ही भगवान नीलकंठ महादेव मंदिर पर आधारित है। यह मंदिर राजा महीपाल के किले में मौजूद था, जिसे बाद में जामा मस्जिद का नाम दिया गया। उस मंदिर की जो स्थिति और प्रकृति है, उसे परिवर्तित न करने के लिए ही वाद दायर कराया गया था।
मंदिर के साथ लगा हुआ भंडारी कुआं है। मंदिर में जो चढ़ावा आता था। वह भंडारी कुआं में एकत्र किया जाता था। बाद में वहीं से भंडारा आयोजित कराया जाता था। आज भी उसे भंडारी कुआं कहा जाता है।
इसके अलावा हिंदू महासभा ने बौद्ध महासभा के प्रार्थना पत्र का एतराज दाखिल किया। इस दौरान बौद्ध महासभा ने मुकदमे की कॉपी मांगी, जिस पर न्यायालय ने एतराज जताते हुए अभी उन्हें पक्षकार स्वीकार नहीं किया। इसमें इंतजामिया कमेटी को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया है।
सोमवार को भी हाजिर नहीं हुए चार पक्षकार
जामा मस्जिद के मुकदमे में चार पक्षकार यूनियन ऑफ इंडिया, पुरातत्व विभाग, प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार और सुन्नी सेंट्रल वक्फ वोर्ड को पक्षकार बनाने के लिए पिछली तारीख पर गजट पेश हुआ था, लेकिन चारों पक्षकारों की ओर से सोमवार को भी कोई हाजिर नहीं हुआ।
इंतजामिया कमेटी ने फिर पेश किया एतराज
इंतजामिया कमेटी के वकील अनवर आलम की ओर से एक बार फिर से एतराज दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा है कि यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं है। इस पर भी हिंदू महासभा के वकीलों ने एतराज किया है। उन्होंने कहा है कि इंतजामिया कमेटी ऐसा प्रार्थना पहले भी दे चुकी है।

न्यायालय से बाहर आते हिंदू महासभा के पदाधिकारी मुकेश पटेल।