बरेली: इज्जतनगर मंडल पूर्वोत्तर रेलवे के तीन रेल मंडलों में से एक है। इस मंडल का मुख्यालय बरेली जिले में स्थित है। हिमालय की तलहटी में स्थित यह मंडल उत्तराखंड राज्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुमाऊँ क्षेत्र के विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस, उत्तरांचल संपर्क क्रांति (काठगोदाम-दिल्ली), रानीखेत एक्सप्रेस (काठगोदाम-जैसलमेर), बांद्रा टर्मिनस सुपर फास्ट एक्सप्रेस (रामनगर-बांद्रा), बाघ एक्सप्रेस (काठगोदाम-हावड़ा), पूर्णागिरी जन शताब्दी (टनकपुर-दिल्ली), छपरा सुपर फास्ट एक्सप्रेस (मथुरा-छपरा) और देहरादून एक्सप्रेस (काठगोदाम-देहरादून) वे महत्वपूर्ण रेलगाड़ियां हैं जो इस मंडल से आरंभ होती हैं या समाप्त होती हैं अथवा गुजरती हैं।
इज्जतनगर मंडल की स्थापना पुरानी कुमाऊं – रुहेलखंड रेलवे से अलग कर 1 मई, 1969 को की गई थी। यह मंडल उत्तर प्रदेश के चैदह जिलों अर्थात बरेली, बदायूं, एटा, मथुरा, हाथरस, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर, शाहजहाँपुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, रामपुर, मुरादाबाद और उत्तराखंड के तीन जिलों अर्थात नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत को सेवाएं प्रदान करता है।
इज्जतनगर मंडल में कुल 952.42 किलोमीटर का आपरेशनल ब्राड गेज मार्ग है। मंडल की कुल स्थापित ट्रैक्शन बिजली आपूर्ति क्षमता 194.4 एमवीए है जो 09 टीएसएस को कवर करती है। मथुरा- कासगंज- कल्याणपुर, कासगंज-बरेली सिटी-पीलीभीत-टनकपुर, पीलीभीत-शाहजहाँपुर, भोजीपुरा-लालकुआं, रामपुर-लालकुआं-काठगोदाम और लालकुआं-काशीपुर रेल खंडों का विद्युतीकरण का कार्य 2019-22 के बीच पूरा किया गया था। मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर खंड (72.7 किमी) के विद्युतीकरण के साथ मंडल के आपरेशनल ब्रॉडगेज मार्ग के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है।
मंडल के आपरेशनल ब्राड गेज मार्गों के पूर्ण विद्युतीकरण से, रेलवे परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल (अको फ्रेंडली) मोड को सुनिश्चित किया गया है जिससे आयातित डीजल ईंधन पर निर्भरता को कम किया गया है, कीमती विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और कार्बन फुटप्रिंट को कम किया गया है। इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की ढुलाई क्षमता से भारी मालगाड़ियों और लंबी दूरी की यात्री ट्रेनों के संचलन में काफी वृद्धि हुई है जिससे रेल खंड के थ्रूपुट और क्षमता में वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन में सालाना लगभग 0.536 लाख टन की कमी आई है।