शालीनता से बात करें – हमेशा सभी से शालीनता से बात करें। गुस्से में बात करने से बचें। अपनी बात को इस तरह खत्म न करें कि सामने वाले को वह बात बुरी लगे। अपने अहंकार को अपने कार्यक्षेत्र या किसी भी स्थान पर न लाएँ। इससे ना सिर्फ आपके रिश्ते खराब होते हैं बल्कि आपकी पर्सनैलिटी पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है।
खुद से मुकाबला करें- कभी-कभी जहरीली प्रतिस्पर्धा आपकी परेशानी का कारण बन सकती है। साथ ही आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में खुद की तुलना किसी और से न करें। हमेशा खुद पर भरोसा रखें। व्यक्तित्व विकास के लिए यह बहुत जरूरी है।
सामाजिक बनें- किसी से भी बात करने में हिचकिचाएं नहीं। शरमाओ मत। लोगों से बातें करो। हर व्यक्ति आपको जीवन में कुछ नया सिखाता है। इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। साथ ही यह आपके कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाने का काम करता है। लोगों से दूरी बनाने की बजाय उनसे बात करें।
नकारात्मक सोच से दूर रहें- दैनिक कार्य का आनंद लें। नकारात्मक सोच से दूर रहें। हमेशा सकारात्मक नजरिया बनाए रखें। रोजाना कुछ देर मेडिटेशन करें। लंबी सांसें लें। इससे आपकी फोकस पावर बढ़ती है। साथ ही स्थिति से बाहर निकालने का काम करता है।