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मेडिकल में एडमिशन के लिए मुख्य आरोपित ने जुटाए थे 19.50 लाख विद्यार्थियों के डेटा

अहमदाबाद/वडोदरा। दक्षिण भारत के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े ट्रस्ट के नाम पर फर्जी ट्रस्ट के जरिए ऑनलाइन ठगी मामले में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है। गिरोह के मुख्य सूत्रधार प्रेम प्रकाश विद्यार्थी (फतेहपुर, बिहार) को बिहार के जेल से ट्रांसफर वारंट पर गुजरात लाकर पूछताछ की गई है। आरोपित से पूछताछ के बाद एक अन्य आरोपित को भी गिरफ्तार किया गया है, जो मुख्य आरोपी के लिए काम करता था।

मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए कॉलेज के डायरेक्टर के रूप में अपनी पहचान देने वाले मुख्य आरोपित को गुजरात पुलिस ने बिहार से लाकर रिमांड हासिल किया है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपित ने एजेंट के जरिए 19.50 लाख नीट विद्यार्थियों का डाटा एजेंट के जरिए प्राप्त किया था। इसके बाद 5 लुभावने वेबसाइट के जरिए विद्यार्थियों के अभिभावकों से सम्पर्क करता था। काम पूरा होने के बाद वेबसाइट बंद कर देता था। विद्यार्थियों से सम्पर्क के लिए उसने 45 से अधिक सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था। विद्यार्थियों को काउंसेलिंग के लिए उसने स्टाफ की भी भर्ती की थी। स्टाफ से भी काम लेने के बाद वह ऑफिस बंद कर देता था। आरोपित ने पटना, लखनऊ, नोएडा में सरस्वती अम्मल एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, ग्रुप्स कंसल्टेंसी, महावीर मेडिकल इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नामक कॉर्पोरेट ऑफिस खोली थी। ऑफिस का संचालन आनंद तिवारी नामक व्यक्ति करता था। साइबर पुलिस ने आनंद तिवारी को (मिरजापुर, उ.प्र.) से पकड़ा है। जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी जरूरत होने पर जेल से ही अभिभावकों को फोन कर उन्हें मनाने का प्रयास करता था। जो विद्यार्थी एडमिशन के लिए तैयार होते थे, तो उनसे कुरियर या चेक के जरिए लाखों रुपए प्राप्त कर लेता था।

5 लोगों से की थी 1.33 करोड़ रुपए की ठगी

वडोदरा में विद्यार्थी से मिले रुपए को आरोपित प्रेम प्रकाश ने अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर किया था। जांच में पुलिस को उसके 15 अकाउंट का पता चला, जिन्हें फ्रीज कर दिया गया है। इसमें 14 लाख रुपए होने की जानकारी है। आरोपित से पूछताछ में पता चला कि उसने 5 लोगों से 1.33 करोड़ रुपए हासिल किए थे। वहीं उसके फोन से 6 ई-मेल आईडी मिले हैं।

पुलिस के अनुसार आरोपित प्रेम प्रकाश के विरुद्ध दिल्ली, बिहार में ठगी व जालसाली की 5 प्राथमिकी दर्ज किए गए हैं। चेक रिर्टन के भी मामले दर्ज हैं। पिछले 5 साल में उसके विरुद्ध 10 प्राथमिकी दर्ज की गई है। दूसरे आरोपित आनंद को 62 किलो चरस बरामद होने के मामले में 10 साल की सजा हो चुकी है।

यह था पूरा मामला

अहमदाबाद के प्रह्लाद नगर में रहने वाले डाक्टर जगदीश देसाई के बेटे को मेडिकल में एडमिशन के लिए इसी गिरोह ने 30 लाख रुपए की ठगी की थी। साइबर क्राइम ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। डाक्टर के बेटे का प्रवेश प्रक्रिया दो राउण्ड पूरा होने के बाद भी एडमिशन नहीं हुआ था। इस दौरान उसके पास अलग-अलग कॉलेज से फोन आते थे। कर्नाटक के कार्तिक नामक व्यक्ति का फोन आया और उसने मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए 65 लाख रुपए मांगे थे। आरोपित कार्तिक ने उससे एडमिशन के लिए 30 लाख रुपए ले लिए थे। बाद में कार्तिक ने फोन बंद कर दिया था। आरोपित से सम्पर्क नहीं होने पर पीड़ित ने पुलिस को शिकायत की थी।

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