डीएम ने विद्यालयों में परखी शिक्षण व्यवस्थाएं

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बदायूँ : 08 सितम्बर। जिलाधिकारी मनोज कुमार ने शुक्रवार को विकासखंड उझानी अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय बदरपुर, प्राथमिक विद्यालय गुराई एवं प्राथमिक विद्यालय बसंत नगर का औचक निरीक्षण किया। प्राथमिक विद्यालय बदरपुर में 42 के सापेक्ष 14, गुराई में 61 के सापेक्ष 39 एवं बसंत नगर में 32 के सापेक्ष 18 बच्चे उपस्थित मिले। डीएम ने उपस्थिति कम होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए शिक्षकों को निर्देश दिए कि उपस्थित पर विशेष ध्यान दिया जाए।
डीएम ने बच्चों से गिनती, पहाड़े, पूर्ण विराम, अल्पविराम एवं महापुरुषों के संबंध में पूछा। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिए कि विद्यालयों में बच्चों से शिक्षण गतिविधियों से संबंधित चार्ट बनवा कर भी पढ़ाई कराए। विद्यालयों में महापुरुषों के बारे में प्रत्येक दिन एक-एक महापुरुष के संबंध में बताया जाए। शिक्षक बच्चों को मेहनत एवं अच्छी भावना से पढ़ाएं। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ संस्कारिक शिक्षा भी दी जाए। बच्चों को पढ़ा लिखा कर उनका भविष्य उज्जवल बनाया जाए।
डीएम ने विद्यालयों के शौचालयों में गंदगी होंने पर अप्रसन्नता व्यक्त की है। विद्यालय भवनों एवं परिसरों, शौचालयों की साफ-सफाई अच्छे ढंग से कराई जाए। डीएम ने निर्देश दिए कि विद्यालयों की टूटी बाउंड्री वॉल को बनवाया जाए। विद्यालयों में हैंडवॉश संचालित रहे और शौचालयों को साफ सुथरा रखा जाए। बच्चों को मिड-डे मील में निर्धारित मीनू के अनुसार भोजन दिया जाए।
डीएम ने इन्हीं विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रो का भी निरीक्षण किया। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रो पर वजन मशीन, पोषण ट्रैकर, ई-कवच एप आदि के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिए कि सभी आवश्यक उपकरण आंगनबाड़ी केंद्रो पर उपलब्ध रहें, जिससे गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की नाप तोल आदि जांचें सही ढंग से हो सकें। आंगनबाड़ी केंद्र गुराई में आंगनबाड़ी कार्यकत्री नीतू द्वारा ई-कवच एवं पोषण ट्रैकर आदि के संबंध में अच्छे ढंग से जानकारी देने पर डीएम ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिए कि नियमित रूप से टीकाकरण तथा बच्चों के वजन एवं लंबाई करने के लिए भी माता-पिता को प्रोत्साहित करें।
तत्पश्चात उन्होंने बसंत नगर के पंचायत भवन का निरीक्षण किया। पंचायत मित्र को निर्देश दिए कि पंचायत भवन में बने पुस्तकालय में रखी पुस्तकों को गांव के कंपटीशन की तैयारी करने वाले बच्चों को पढ़ने के लिए बुलाए। उन्होंने पंचायत भवन में ग्रामीणों को दी जाने वाली सेवाओं के संबंध में भी जानकारी ली।

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