बदायूं: दिमागी तौर से कमजोर बेसहारा बुजुर्ग महिला सत्या देवी का कहना है कि मेरे पति अब कुछ नही करते हैं वह एक पंजाबन हैं और लोची नगला में रहती हैं, दो बेटे हैं जिनमें से एक बेटा सरकारी टिचर है और एक बेटा दिल्ली में रहता है, बीमारी के बारे में पूछा, तो कहा कि उन्हे कोई बीमारी नही है। मुझे इस अस्पताल से बस घर जाना है। इस बीच घर वालो ने अभी तक अपनी मां की सुध नही ली है। इनके पास कोई फोन भी नही, ना ही आधार कार्ड मगर एक डायरी थी जो बस में गिर गई ऐसा कहना है इस बुजुर्ग महिला का।
खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं की रहने वाली सत्या देवी जो लोची नगला में रहना बतातीं है कि कहानी काफी दुख भरी है। बुजुर्ग महिला सत्या देवी दिल्ली से बदायूं आयी बताते है कि पुलिस को सड़क पर बेसहारा बीमार हालत में बुजुर्ग महिला मिली तो उन्होंने उस महिला को अस्पताल में भर्ती करा दिया था।
बुजुर्ग महिला अब अस्पताल से घर जाना चाहती है दिमागी हालत दुरूस्त ना होने के कारण वह सही बात नही कर पा रही है। जब बुजुर्ग महिला से पूछा गया कि आप बीमार हैं तो साफ मना कर दिया। सवाल यह है कि बुजुर्ग महिला को अस्पताल की नही बल्कि अपने घर जाना है मगर उनके पास ना तो कोई आधार कार्ड है और ना कोई पहचान की निशानी उनका कहना है कि मेरी एक डायरी थी जो कहीं खो गई है। अस्पताल की लापरवाही के बारे में पूछा गया तो साफ कह कि मुझे यहां नही रहना है मुझे कोई बीमारी नही है। सवाल यह उठता है कि अब बुजुर्ग महिला को प्रशासन को उनके घर पहुंचाना चाहिए। बुजुर्ग महिला कहती है कि मेरे दो बेटे है एक बेटा सरकारी नौकर है जो टिचर है बताती है। बाकी खुद आप बुजुर्ग महिला की जुबानी इस वीडियो में देख सकते हैं।