Homeउत्तर प्रदेशबदायूँइस बार होली सुख और दुख का मिश्रण : डीएम

इस बार होली सुख और दुख का मिश्रण : डीएम

अतिरिक्त मजिस्ट्रेट राम शिरोमणि की आत्मा के लिए मौन धारण
बदायूँ : 09 मार्च। जिलाधिकारी मनोज कुमार ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन विजय कुमार सिंह, नगर मजिस्ट्रेट बृजेश कुमार सिंह व कलेक्ट्रेट के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में होली सम्मेलन आयोजित किया। डीएम व अन्य अधिकारियों ने एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सबको मिलजुल कर यह त्यौहार मनाना चाहिए। यह त्यौहार हमें एक दूसरे के करीब लाता है और कई मनमुटाव भी दूर होते हैं। इस दिन पुरानी बातों को भुलाकर एक दूसरे का रंगों से स्वागत करना चाहिए।
अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के पद पर जनपद बदायूँ में तैनात जनपद प्रतापगढ़ के रहने वाले राम शिरोमणि गंभीर बीमारी के चलते सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली में भर्ती थे, बुधवार को होली के दिन उनका देहांत हो गया। इस दुखद समाचार को सुनते ही कलेक्ट्रेट में शोक की लहर दौड़ पड़ी। डीएम व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट में उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी।
डीएम ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व जनपद वासियों को होली की हार्द्धिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि होली का त्योहार खुशियां लेकर आया है और हमारा एक साथी दिवंगत हो गया। दरअसल, कुछ ऐसा हुआ है कि यह कार्यक्रम सुख और दुख का मिश्रण है। जीवन और मृत्यु प्रकृति का नियम है और साकारात्मक दृष्टिकोण रखना मानवीय जीवन के लिए बेहद आवश्यक है। दुख के सागर से बाहर आकर नए सृजन की हमेशा कोशिश की जाती है। ऐसा ही संयोग रहा कि होली के दिन यह दुखद समाचार हमे मिला। इसके लिए पूरे त्योहार में जो उमंग और उत्साह होना चाहिए था, वह नहीं था। हमारा एक साथी दिवंगत हो गया, उनके परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे और उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
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जिला सैनिक बंधु की बैठक 15 मार्च को
बदायूँ : 09 मार्च। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कमाण्डर पूरनमल(अ0प्रा0) ने जानकारी देते हुए बताया है कि जनपद की समस्त भूतपूर्व सैनिकों/दिवगंत सैनिकों की विधवाओं की कल्याणकारी समस्त निराकरण के लिए जिला सैनिक बंधु की बैठक 15 मार्च 2023 को पूर्वान्ह 11ः30 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित होगा। यदि किसी भूतपूर्व अथवा दिवगंत सैनिक की विधवा को कोई समस्या हो तो वह अपना प्रार्थना पत्र दो प्रतियों में लेकर बैठक में उपस्थित हो सकती हैं।

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