कानपुर देहात में मां-बेटी को जलाने के मामले में 11 नामजद और करीब 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एसडीएम, थाना प्रभारी, लेखपाल और जेसीबी चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में थाना प्रभारी एसडीएम लेखपाल को मुख्य आरोपी बनाया गया है.
क्या थी पूरी घटना?
कानपुर देहात के थाना क्षेत्र में अवैध कब्जे को तोड़ने के लिए प्रशासन और पुलिस की टीम पहुंची, जहां कब्जाधारियों और प्रशासन पुलिस के बीच झड़प हो गई. इस कारण कब्जा की गई जमीन पर बनी झोपड़ी में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी व बेटी की झोपड़ी में आग लगने से मौत हो गई. आरोप है कि अतिक्रमण व तोड़फोड़ के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने जबरन परिवार को झोपड़ी में बंद कर आग लगा दी, जिससे झोपड़ी में फंसी मां-बेटी की मौत हो गई.
इस घटना के बाद मंडोली गांव में ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन पर हमला बोल दिया. घटना की सूचना मिलते ही आईजी व एडीजी जोन, कानपुर रेंज के मंडलायुक्त भी मौके पर पहुंच गए. इसके बाद गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया।पीड़ित परिवार ने की 5 करोड़ मुआवजे की मांग
पीड़ित परिवार ने कमिश्नर के समक्ष 5 सूत्रीय मांग पत्र रखा है, जिसमें परिवार ने परिवार के दोनों बेटों के लिए 5 करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है. साथ ही उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से तत्काल प्रभाव से मुलाकात करने की भी मांग की है, ताकि वह न्याय की गुहार लगा सकें. परिवार ने अपने लिए आजीवन पेंशन की मांग की है।