उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी को जिंदा जला दिया गया। इस घटना को लेकर क्षेत्र में राजनीति गरमा गई है। कानपुर देहात की मैथा तहसील की मडौली पंचायत के चहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंचे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के सामने एक मां-बेटी को झोपड़ी में जिंदा जला दिया गया. हालांकि गृहस्वामी और रूरा इंस्पेक्टर भी दोनों को बचाने की कोशिश में जुट गए। पीड़ित परिवार से मिलने के लिए सपा, कांग्रेस के नेता पहुंच रहे हैं.
गौरतलब है कि मृतका की मां प्रमिला व पुत्री की मौत पति कृष्ण गोपाल दीक्षित के साथ हो गई थी, जो गंभीर रूप से घायल हो गया था. कमिश्नर राज शेखर समेत कानपुर रेंज के आईजी, एडीजी भी मौके पर पहुंचे। बताया जाता है कि सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए प्रशासन कानपुर देहात पहुंचा था. लेकिन जिन घरों पर हमले हो रहे थे वे खुद को आग लगाने की धमकी दे रहे थे। तभी प्रदर्शन के दौरान अचानक आग लग गई जिसमें मां-बेटी की झुलसकर मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि
मतगणना के दौरान कानपुर देहात से कानपुर नगर तक अधिकारियों का काफिला गांव पहुंचा और उसे छावनी बना दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़ित कृष्ण कुमार दीक्षित का कहना है कि इस जमीन पर उनका परिवार लंबे समय से रह रहा है. इस वजह से उसके अपने ही परिजनों ने उसका विरोध किया और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से उसने अपनी झोपड़ी में आग लगा दी. जिससे उसकी पुत्री व पत्नी की आग में जलकर मौत हो गयी. उधर, देर रात तक प्रशासन परिजनों को समझाने का प्रयास करता रहा और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिजनों की मांग
पीड़ितों ने प्रशासन के खिलाफ मांग पत्र सौंपा है। जिसमें 5 करोड़ के मुआवजे की मांग की गई है। परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी, परिवार को आजीवन पेंशन, मृतक के दोनों पुत्रों के लिए सरकार से मकान की मांग की गई है. तत्काल न्याय के लिए मुख्यमंत्री योगी से मिलने का समय मांगा गया है।
एसडीएम मैथा, थाना प्रभारी रूरा, लेखपाल, कानून गो, 3 अन्य लेखपालों, अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, निर्मल दीक्षित, विशाल, जीसीबी चालक आदि सहित 11 नामजद व 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज धारा 302, 307, 436, 429 , धारा 323, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है।
यह था जमीन विवाद
मडौली गांव रहीश गेदानलाल ने गांव के कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी. जिस पर 13 जनवरी 2023 को एसडीएम मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान को तोड़ दिया था. 14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा शालिनी और वीएचपी नेता आदित्य शुक्ला और गौरव शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. आधुनिक काल में लोग वहाँ फूस के घरों में रहते थे। इसे हटाने के लिए पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंची।