मेरठ: आज राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में महिला सशक्तीकरण हेतु हुनर से रोजगार कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया गया। ने विश्वविद्यालय परिसर में जैव नियंत्रण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया, तदोपरांत परिसर में लगायी गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया। महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में 32 स्टाल लगाये गये जिसमें महिलाओं ने अपने लघु उद्योग के द्वारा उत्पादित उत्पाद प्रदर्शित किया। राज्यपाल ने विभिन्न स्टालों का भ्रमण कर महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने 4 पुस्तकों सीतोषण फल डा0 अरविन्द राणा, मोटे अनाज डा0 के0के0 सिंह, कलेण्डर कृषि विज्ञान केन्द्र, शाहजहॉपुर एवं मोटे अनाज उत्पादन तकनीक डा0 आर0के0 नरेश की पुस्तकों का विमोचन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल/कुलाधिपति, आनंदीबेन पटेल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मोटा अनाज दिवस (अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष )के रूप मनाया जा रहा है। इस दिशा में काफी महिलाऐं श्री अन्न से बने उत्पाद को बनाने खिलाने और बेचने का काम भी प्रारम्भ कर दिया है। उन्होने ने कहॉ कि यह कार्य शुरू होने से श्री अन्न अनाज को एक नई दिशा मिलेगी और हम मोटे अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकते है। उन्होने गुजरात में बनाये गये सखी मण्डल की सराहना करते हुए कहा कि उनका कार्य संगठित होकर अच्छा चल रहा है उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे है जब महिलाऐं घर में कमाने लगती है तो उनका सम्मान बढता है। पहले लोग घरो से बाहर महिलाओं के जाने से रोकते थे लेकिन अब महिलाऐं अपनी बेटियों के साथ मिलकर अच्छा कार्य कर रही है और अपनी आय भी बढा रही है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पहले लोग अपनी बेटियों को नहीं पढाते थे वो सोचते थे कि शादी के बाद बेटी ससुराल चली जायेगी इसलिए लडको की पढाई पर अधिक ध्यान देती थे और लडकियों को पढने हेतु सरकारी स्कूल में भेजा जाता था और लडकों को पढाई हेतु प्राईवेट स्कूलों में भेजा जाता था लेकिन अब लोगो की सोच बदली है बेटियॉ भी पढ-लिख रही है। लोगो ने अब सोच लिया है कि यदि बेटी पढेगी तो उनके घर की बहू भी पढी-लिखी होगी और वह भी नौकरी करके परिवार की आय बढा सकेगी।
उन्होने ने कहा कि उ0प्र0 के कई विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में उन्होने देखा है कि 80 प्रतिशत छात्राऐं मेडल जीत ले जाती है और केवल 20 प्रतिशत छात्रों को मेडल प्राप्त हो पाते है। यदि छात्राओं पर और ध्यान दिया जाता तो शायद विश्वविद्यालयों में छात्राओं की स्थिति और बेहतर होती। इस भेद-भाव को कम करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि आज हमारी बेटियां अपनी ताकत दिखा रही है। हमारी बेटियॉ घर से बाहर निकल रही है और अच्छा कार्य कर रही है।
उन्होने कहा कि भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही जन-धन योजना, रसोई गैस योजना, मुद्रा योजना, गॉव में शौचालय की योजना (इज्जत घर) आदि के लागू होने से महिलाओं को सम्मान मिला है जिससे उनको अपना रोजगार शुरू करने में सहायता मिल रही है। यदि महिलाऐं आत्मनिर्भर नहीं होगी तो उनका बुरा हाल हो जाता है लेकिन अब महिलाओं ने आगे बढकर कार्य करने शुरू किए है और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है।
उन्होने कहा कि विश्वविद्यालयों को जो महिलाऐं पढी-लिखी नही है या फिर उनकी शिक्षा बीच में छूट गयी है और उनमें कोई अच्छा हुनर है तो ऐसी महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय 3-6 माह के लिए सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ करें, जिससे हुनर के क्षेत्र में उन महिलाओं को और अधिक सम्मान मिल सके। इस बात को ध्यान में रखकर महिलाओं के लिए कोर्स बनाये जाये और उनका सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ किया जाये।
विशिष्ट अतिथि सूर्य प्रताप शाही, मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उ0प्र0 ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज वर्तमान सरकार के नेतृत्व में महिलाओं के बारे में कई योजनाऐं लागू की गयी है जिसका सीधा लाभ महिलाओं को मिल रहा है। कृषि के क्षेत्र में कई महिलाओं ने स्टार्टअप प्रारम्भ किये है जिससे उनकी आय में बढोतरी हुई है। उन्होने कहा कि मोदी-योगी की सरकार ने सामाजिक उत्थान और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है इसलिए आज महिलाऐं निर्भीक होकर कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि हुनर हाट जैसे कार्यक्रमों से महिला सशक्तिकरण होता है।
विशिष्ट अतिथि डा0 संजीव बालियान, मा0 राज्य मंत्री, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन, भारत सरकार ने सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण, महिला स्वरोजगार एवं स्वास्थ्य के प्रति भारत सरकार ने अच्छा कार्य किया है। उन्होने कहा कि आज महिलाऐं कई उत्पाद तैयार कर रही है लेकिन उनको मार्केटिंग में समस्या आ रही है इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र व स्थानीय प्रशासन महिलाओं द्वारा बनाये गये प्रोडक्ट को मार्केटिंग की व्यवस्था करें, जिससे उनको लाभ हो सके। उन्होने कहा कि उ0प्र0 में सिद्धि मिल्क कॉपरेटिव अच्छा कार्य कर रही है अब हरित प्रदेश कॉपरेटिव बनाने की आवश्कता जिससे प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सके।
कुलपति, डा0 के0के0 सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे देश में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान व सशक्तिकरण के लिए उनकी अनभिज्ञता, उदासीनता और अंधविश्वास के अंधियारे को हटाकर एक चेतना फैलाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि महिलाऐं अपने कारोबर में सफल होंगी फलस्वरूप उनका आत्मविश्वास बढेगा और वह अपने भीतर छुपी हुई प्रतिभा को पहचान कर नये रोजगार को प्रारम्भ करने का निर्णय लें सकेगी।
कुलपति ने कहा कि हर रोज खेतों में करोडो की संख्या में महिलाऐं कृषि के कार्य में लगी रहती है गॉव में रहने वाले परिवारों में से 85 प्रतिशत लोगो की अजीविका का स्त्रोत कृषि है और उनमें महिलाओं का योगदान 65-70 प्रतिशत तक है। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से घर के कार्य को करते हुए भी वे अपने उद्योग को स्थापित कर सकती है।
उन्होने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय में जैव नियंत्रण प्रयोगशाला का लोकार्पण राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के कर कमलों द्वारा किया गया। यह प्रयोगशाला लगभग 4.0 करोड से बनकर तैयार हुई इसमें 10 प्रयोगशालाऐं 4 क्लासरूम 1 कॉन्फ्रेन्स रूम, 1 ट्रेनिंग हॉल का निर्माण किया गया है। कृषि विश्वविद्यालय में आज पहली बार 3 ड्रोन किसानों के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये थे जिनका मा0 राज्यपाल ने फीता काटकर उद्घाटन किया।
इस अवसर पर विधायक सरधना अतुल प्रधान, आयुक्त सेल्वा कुमारी जे0, एडीजी राजीव सब्बरवाल, आईजी नचिकेता झा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एसपी ट्रैफिक जितेन्द्र श्रीवास्तव, कुलपति चौ0 चरण सिंह वि0वि0 संगीता शुक्ला, कृषि विष्वविद्यालय कुलपति, डा0 के0के0 सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति व आमजन उपस्थित रहे।