आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. बीजेपी ने यूपी में क्लीन स्वीप की रणनीति तय कर ली है. पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी के बीच गठबंधन की चर्चाएं चल रही थीं. इस संबंध में अब दोनों ने सफाई दी है. बीजेपी को आरएलडी के मुकाबले मायावती की बीएसपी ज्यादा उपयोगी लग रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीएसपी के साथ गठबंधन और सीटों के समन्वित बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया है. बीजेपी नेताओं का मानना है कि आरएलडी को उतना फायदा नहीं होगा, जितना बीएसपी के साथ गठबंधन से होगा. वहीं, बसपा प्रमुख मायावती फिलहाल विपक्षी गठबंधन भारत और बीजेपी के गठबंधन एनडीए दोनों से दूरी बनाए हुए हैं. फिलहाल इस संबंध में मायावती या बसपा की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन बीजेपी को उम्मीद है कि गठबंधन हो जाएगा. बीजेपी नेताओं का मानना है कि अगर बीएसपी अकेले लड़े तो विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.
एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी
बसपा के साथ गठबंधन कर बीजेपी एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश में है. पिछले चुनाव में बसपा ने पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. इससे बसपा और भाजपा दोनों को बड़ा फायदा मिलेगा। इसके साथ ही अगर बीएसपी के साथ गठबंधन होता है तो पार्टी के साथ-साथ आरएलडी की स्थिति भी खराब हो जाएगी. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने बसपा के साथ सीटों का तालमेल कर लिया है. पार्टी नेता पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा द्वारा जीती गई सीटें खुद देने पर सहमत हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा ने दस सीटें जीती थीं।